बलरामपुर – आज कल यातायात को लेकर हम आप बड़े लापरवाह हो गए हैं। और हम छोटी – छोटी कामो लेकर हमारे नाबालिग बच्चों को अपनी दो पहिया वाहन दे देते है, पर सड़क पे बच्चे जैसे निकलते हैं वे एक एक्सन हीरो की तरह तेज रफ्तार से हवा से बाते करते हैं। और हमे, आपको इस बात की भनक तक नहीं लगती हैं। जिसका परिणाम हादसों के बाद हम और आपको पता चलता है।
इसे देखते हुवे बलरामपुर पुलिस लगातार जिले भर में कार्यवाही करती हैं पर महज चलानी कारवाही कर छोड़ दिया जाता था। पर जिले के वाड्रफनगर पुलिस ने कार्यवाही के बजाए परिजनों को पुलिस चौकी बुला कर समझाइश दी कि नाबालिक बच्चों के द्वारा वाहन बेतरतीब ढंग से सड़कों पर चढ़ाया जाता है। और हादसा भी होता है। ज्यादातर हादसों के शिकार नाबालिक बच्चे ही होते हैं इसे देखते हुए नियम कानून भी कड़े हो गए हैं। नाबालिक बच्चों से वाहन चलाने पर परिजनों को भी सजा का प्रावधान है वही पुलिस ने परिजनों को कहा कि बच्चों को सही उम्र के बाद लाइसेंस दे कर ही वाहन चलाने दे सही उम्र का मतलब परिपक्व होने के बाद ही बच्चे सही गलत का चयन कर सकते हैं। यही वजह है कि वाहन चलाने का लाइसेंस 18 वर्ष की उम्र में विवेकशील बच्चों को दिया जाता है। बच्चे हमारे आपके सबके अजीज होते हैं बच्चों से लापरवाही होती है।और हमारी और आप की लापरवाही से अन्य की जान न जाये। आने वाले दिनों में हमारी ओर से सख्त हिदायत है कि बच्चों को परिपक्व होने से पहले वाहन चलाने न दे और यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाने का लाइसेंस प्राप्त होने के बाद ही वाहन चलाने की अनुमति दें। अन्यथा आने वाले दिनों में कड़ी कार्यवाही की जाएगी जिस पर आप पर भी कार्यवाही हो सकती हैं।