रायपुर

बालश्रम उन्मूलन के लिए,सामाजिक सुरक्षा को सुगम बनाना आवश्यक है।

एकता से ही बदलाव 

     रायपुर–  श्रम विभाग छत्तीसगढ़ राज्य शासन, यूनिसेफ़, आईएलओ और समर्थन ने संयक्त तत्वाधान में,बाल श्रम उन्मूलन और इससे जुड़े प्रभावितों के लिए एक राज्य स्तरीय परामर्श कार्यकम का आयोजन किया गया। इस परामर्श सत्र का मुख्य उद्देश्य, उन सब सरकारी विभागों, गैर सरकारी संस्थाएं और प्रभावितों को एक ऐसा एकल मंच प्रदान करना था, जंहा से इस मुद्दे के पर एक संयुक्त सार्थक चर्चा क्रियान्वित हो सके।

एस एल जांगड़े अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने इस संयुक्त प्रयास के  संदर्भ में अपनी बात रखते इस बात पर जोर दिया कि, इस समस्या के समाधान के लिए सभी संबंधित विभागों का संयुक्त प्रयास आवश्यक है, और साथ ही इस चुनौती से निपटने की लिए सतत निगरानी की आवश्यकता है।

अभिषेक सिंह, एसेसबीसी विशेषज्ञ यूनिसेफ़ ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा  कि, न केवल सम्बंधित समुदायों को और ज्यादा संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है, बल्कि विधि-प्रवर्तन विभागों को भी इस समस्या से निपटने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किये जाने की आवश्यकता है।

योगेश कुमार, निदेशक समर्थन ने, इस विषय पर इनके संस्था द्वारा किये गए प्रयासों को सामने रखते हुए कहा कि, अगर बाल श्रम की समस्या की सुलझाना है तो हमे इससे जुड़ी  मूलभूत समस्याओं को समझने और सुलझाने की जरूरत है।

श्रीमती सविता मिश्रा अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने, बताया कि बालश्रम की समस्या में गरीबी, अशिक्षा, नशा और पलायन जैसे गंभीर विषय भी इसके कुछ मुख्य कारण है, जिन पर गहराई से कार्य करने की जरुरत है।

अमृत कुमार खालको, सचिव एवं आयुक्त , श्रम विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने विभाग द्वारा बाल श्रम उन्मूलन के लिए  विभिन योजनाएं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। साथी उन्होंने राज्य शासन के बॉलश्रम उन्मूलन नीति और प्रयासों के बारे में भी बताया।

एस के मिश्र, पूर्व मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि, विभागों के बीच मे समुचित तालमेल और बेहतर समन्यव की आवश्यकता है और उन्होंने विभागों के बीच समन्वय के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में भी उल्लेख किया ।

प्रोफेसर अमिताभ कुंडू, जे एन यू, ने अपने उद्बोधन में, बालश्रम के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों, ग़रीबी के विभन्न आयाम जो इसके स्रोत हो सकते है इस बारे में विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने, कौशल विकास, और छेत्र आधारित कारक और  निदान पर जोर दिया।

तेजकुंवर नेताम, अध्यक्ष एस सी पी सी आर, ने विभिन्न छेत्रों में बालश्रम जैसे भीख मांगना और खदानों में इस समस्या को दूर करने के लिए किए जारहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इन प्रयासों के दौरान होने वाली समस्याओं को भी  रेखांकित करते हुए कहा कि, इस से बाहर आने के लिए न केवल संयुक्त प्रयासों की जरूरत है बल्कि पलको और समाज की भूमिका और उनके कर्तव्यों के बारे में चर्चा की।

Related Articles

error: Content is protected !!