बलरामपुर – जिले में आपदाओं में सर्वाधिक कोई आपदा की स्थिति अगर उत्पन्न होती है तो वह है आकाशीय बिजली, जिससे हर वर्ष कई जाने जाती हैं तो यह जानना जरूरी है कि हम किस वक्त बाहर निकले और किस दौरान ना निकले। वैज्ञानिकों की माने तो प्रिय मानसून अपने साथ आकाशीय बिजली अधिक लाती है और इसी दौरान लोग बाग समूचे जिला क्षेत्र में ही बारिश का लुफ्त लेने या फिर महुआ फल ( डोरी ) चुन्नी निकल जाते हैं और इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आकर अपनी जान गवा देते हैं। जून और जुलाई वैज्ञानिकों के हिसाब से सर्वाधिक बिजली गिरने वाले माह होते हैं ऐसे में सावधान रहना बेहद जरूरी है।
दरअसल सावधान रहने की बात हम इसलिए कह रहे हैं कि हाल ही में प्री मानसून जिले में दस्तक दी है जिसमें वाड्रफनगर विकासखंड में आकाशीय बिजली के कई घटनाएं देखने को मिली है इसी विकासखंड के ग्राम हरिगांवा में एक ही समय पर दो अलग-अलग जब हम पर आकाशीय बिजली गिर जिसमें एक युवती और एक महिला की मौत हो गई चार घायल भी हुए और यह सभी बारिश से बचने के लिए पेड़ का सहारा लिए थे दूसरी घटना इसी विकासखंड के ग्राम कुंडली में एक बच्ची महुआ फल चुनने के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई और घटनास्थल पर किस की दर्दनाक मौत हो गई उसी दिन ग्राम कोलुआ में भी आकाशीय बिजली की चपेट में आगर दो मवेशियों की मौत हो गई।
अकाशी बिजली कितना खतरनाक है एक वीडियो के जरिए आप समझ सकते हैं यह वीडियो वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत शारदापुर का बताया जा रहा है। बारिश के बीच विशालकाय पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी देखते ही देखते पेड़ नीचे से ऊपर तक आग की लपटों में गिर गई। यह समय बारिश का मजा लेने का नहीं बल्कि बारिश के समय सावधानी बरतने का है और आकाशीय बिजली से बचने के लिए पेड़ों के नीचे ना जाएं।