वाड्रफनगर – वन परीक्षेत्र वाड्रफनगर के अंतर्गत ग्राम कैलाशपुर में जंगली जानवर द्वारा गाय के बछड़े का जो शिकार किया गया था। उसमें ग्रामीण बाघ का होने बता रहे थे। जिसे लेकर वन विभाग वन प्राणी की पहचान में जुटी हुई थी। शिकार किसने किया है, इस बात का पता अब चल गया है।
दरअसल वन परीक्षेत्र वाड्रफनगर के अंतर्गत आने वाले कैलाशपुर में 28 मार्च को एक गाय के बछड़े का शिकार किसी जंगली जानवर द्वारा किया गया था।और कई लोगों का कहना था, कि टाइगर फिर वापस आ गया हैं। हालांकि वन विभाग तत्काल जाँच में जुट गई थी। और नतीजा यह सामने याकि उसे बाघ ने नही बल्कि तेंदुआ ने मारा है। गाय के बछड़े का शिकार बाघ ने नही किया है, वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा उस स्थान पर ट्रेप कैमरा लगा कर इस बात की पुष्टि की है। वन विभाग ने गाँव वालों को जंगल की ओर जाने से मना किया है, की वे जंगल की ओर ना जाए।
बाघ से तेंदुआ खतरनाक
तेंदुआ घात लगाकर शिकार करने में माहिर होते हैं। चीतल जैसे जानवरों का शिकार कर बड़े आसानी से उन्हें पेड़ के ऊपर ले जाकर सुरक्षित रख अपना भोजन बनाते हैं। वही तेंदुआ अक्सर ग्रामीण इलाकों में घुसकर ग्रामीणों के मवेशियों का शिकार करने में बदनाम है। इस इलाके में तेंदुआ के मौजूदगी होने से ग्रामीण जनों को ज्यादा सावधान होने की जरूरत है।