दिनेश आयम
वाड्रफनगर -बीती रात हाथियों के बटे हुवे दो झुंड ने कई किसानों की फसलों को बर्बाद किया। वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के ग्राम पनसरा में जहाँ 12 हाथी का एक अलग दाल बन गया है,और वे तीन किसानों के फसलो को रौदते हुवे फसलो को चट कर गए। इसी परिक्षेत्र के ग्राम करमडीहा के धर्मसूली पारा में आज की रात 10 किसानों के फसलो को रौंद हैं। और कल 7 किसानों के फसलो को बर्बाद कर दिया वही परसो की बात करे तो 6 किसानों का खेत उजाड़ दिए। इस में 23 हाथियों का एक बड़ा दल हैं।
किसानों के लिए इन दिनों काफी मुसीबत में बित रही है। एक ओर खेतों में गेहूं की फसल पक्कर खड़ी है, जिसमें दो तरफा हमला हो रहा है एक तो कुदरत की मार बेमौसम बारिश दूसरी ओर हाथियों का झुंड लगातार किसानों के फसलों पर धावा बोल रहे हैं।
इस समय इस वन परीक्षेत्र में 35 हाथियों का झुंड बीते एक सप्ताह से विचरण कर रहे हैं। यह झुंड अब दो भागों बट गया है। और वन अमला किसानों के खेतों तक हाथी ना पहुँचे इस के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन, रोक पाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं।
किसानों के आँसू – किसानों के चेहरे पर मायूसी देखने को मिल रही हैं। गेहू की फसल किसानों के लिए एक ऐसी फसल हैं जो घर का खर्च और साल भर पेट भरने में, उसके परिवार का काम आता हैं। किसानों के दर्द को समझने के लिए आप तीन महीने पहले चले जाइए और आप महसूस कीजिए कि, कप-कपाती ठंड में रातो को गेहू के खेतों की सिंचाई करते हुवे किसान की तरह ठिठुरते होंगे। यह इस लिए ताकि किसान अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। अब जरा सोचिए कि अपनी आँखों के सामने खड़ी फसल को बर्बाद होते देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकता।, किसान बेबस लाचार फसलो को अपनी नम आंखों से ताकते रह रहे है। क्योंकि उस खड़ी फसल में उसके परिवार का भविष्य छिपा होता है।