


बलरामपुर – पहली बारिश के साथ ही किसानों की लगी कतारे बीज दुकानों पर, धान और मक्के के बीज की जमकर हो रही खरीदारी। आने वाले मौसम के पूर्व अनुमान किसान इस पहली बारिश से लगाकर खेती पर उतर रहे हैं।


किसानों की मजबूरी यही है कि मौसम साथ दे या ना दे वे खेती तो करेंगे ही, क्योंकि किसान के लिए इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। यह बात भी किसान जानते हैं कि पारंपरिक खेती के पद्धति से ही उन्हें चलना है।

अपने बलरामपुर क्षेत्र में पारंपरिक खेती अधिकांश होती है और वैज्ञानिक पद्धति से प्रमुख फसलों की खेती नहीं के बराबर की जाती है। दूसरी बात की जाए तो मौसम विभाग के गणित का इस्तेमाल इस क्षेत्र में नहीं किया जाता है और ना ही ऐसी कोई सुविधा इनके पास है जो पूर्व अनुमान मौसम का लगा सकें।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तो नहीं लेकिन मौसम विभाग और कई एजेंसियों के डेटा बेस को समझने वाले लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष अल्प बारिश की संभावना बनी हुई है। इस कि वजह अलनीनो तूफान को मान रहे हैं जिसके कारण अभी तक हिंद महासागर में उठने वाले मानसूनी चक्रवात दिखाई नहीं दे रहा है इसकी वजह से इस वर्ष की वर्षा सीजन कमजोर रह सकती है ऐसी स्थिति में वर्षा ऋतु आधारित मक्का दलहन की फसल सही रहेगी।