बलरामपुररामानुजगंज

अज्ञात व्यक्ति ने विशालकाय वृक्ष को धराशाई कर लोगों की आस्था को पहुंचाया ठेस..

बलरामपुर-रामानुजगंज वार्ड क्रमांक 8 मटकोडवा स्थल के समीप एक विशाल वृक्ष पाकड़ को किसी अज्ञात द्वारा धरासाई करने की वहज से नगर वासियों में रोष व्याप्त है। यह वृक्ष धार्मिक आस्था का प्रतीक था और नगर में मात्र एक ही वृक्ष होने की वजह से इसका मान नगर में बहुत ज्यादा था। अज्ञात व्यक्ति की वजह में जमीदोज हो गई लेकिन प्रशासन को भनक तक नहीं लगी

       दरअसल रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 8 में पाकड़ नाम से पहचाने जाने वाला यह विशालकाय वृक्ष कई धार्मिक जैसे नवरात्रि में पूजा अर्चना के लिए कलश में पाकड़ पेड़ का काफी महत्व होता है तथा अनुष्ठान के उपयोग में आया जाता था। वही इसके औषधिय गुड़ की बात की जाए तो कहा जाता है कि पुराणों में इसका जिक्र है जितना विशाल काय वृक्ष उतना सुध हवा उस स्थान पर मिलती हैं।

पाकड़वृक्ष

साथ ही कहा जाता हैं कि इसके छाल का काढ़ा हड्डियों को मजबूत करता है, पत्तियां मधुमेह नियंत्रित रखने में काम आता हैं और बहुत सारे इसके फायदे बताए जाते हैं।

यह विशाल वृक्ष रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 8 जहां शादी विवाह पर लिए मटकोडवा के लिए समीप से मिट्टी लिया जाता हैं। यह विशाल वृक्ष कई वर्षों से शहर वासियों के लिए पूजा अर्चना में काम आता रहा पर आज इस वृक्ष धराशाही कर दिया गया, जो आज रामानुजगंज में चर्चा का विषय बन लोगों में आक्रोश ब्याप्त कर दिया। लेकिन इस वृक्ष को धराशाही करने पर प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। वही इस वृक्ष के बगल में जब नगर में शादी विवाह का कार्यक्रम होने लगता है तो नगरवासी इसी वृक्ष के नीचे की मिट्टी उठाकर मंडप का कार्य प्रारंभ करते हैं जहां से शादी ब्याह का पहला कार्यक्रम प्रारंभ होता है, जिसे स्थानीय भाषा में मटकोडवा कहा जाता हैं। लेकिन किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा इसे जमी दोस्त कर दिया गया जिससे नगर में रोस सा पैदा हो गया है। आखिर इस वृक्ष के धराशाही पर प्रशासन को भनक क्यों नहीं लगी।

फिहलाल इस वृक्ष ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भला इस वृक्ष से किसी को क्या नुकसान था और निजी तौर पर भला किसी को क्या फायदा मिला।

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