छत्तीसगढ़बलरामपुररामानुजगंज

पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष शैलेश गुप्ता द्वारा भूमिहीन लोगों के साथ आबादी पट्टा की मांग रखी

रामानुजगंज – नगर पंचायत पूर्व उपाध्यक्ष शैलेश गुप्ता द्वारा वार्ड क्रमांक दो में भूमिहीन लोगों के साथ आबादी पट्टा की मांग की हैं,
वार्ड क्र. 2 के लोगों के लिए स्थानीय पूर्व उपाध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने भूमिहीन निवासियों के साथ मिलकर इन के अधिकारों की रक्षा के लिए एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा। यह ज्ञापन विशेष रूप से उन लोगों के लिए था, जो वर्षों से अपने निवास स्थलों पर रह रहे हैं लेकिन जिनके पास आबादी पट्टा नहीं है।
शैलेश गुप्ता ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि वार्ड क्र.2 में बहुत से लोग दशकों से भूमि पर रह रहे हैं, लेकिन उनके पास कानूनी कागजात का अभाव है। इस स्थिति के चलते इन लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलना, कर्ज लेने में कठिनाई और अन्य कानूनी समस्याएँ होती हैं।


ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि भूमिहीन लोगों के लिए आबादी पट्टा प्रदान करना, उनके कानूनी अधिकारों की पूर्ति के लिए आवश्यक है। शैलेश गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाते हुए अनुविभागीय अधिकारी से निवेदन किया कि जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाएं ताकि इन लोगों को उनके अधिकार मिल सकें और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
ज्ञापन सौंपे जाने के बाद, अनुविभागीय अधिकारी ने आश्वस्त किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक टीम बनाई जाएगी जो इस मामले की जांच करेगी और संबंधित अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेगी।


शैलेश गुप्ता ने कहा कि यह कदम केवल सरकारी नीतियों को लागू करने के लिए नहीं बल्कि इन लोगों की स्थिति को सुधारने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए है। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक भूमिहीन लोगों को उनकी कानूनी हक नहीं मिल जाता।
स्थानीय निवासियों ने शैलेश गुप्ता की सराहना की और आशा जताई कि उनकी मेहनत रंग लाएगी और जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा। इस तरह के प्रयास न केवल सरकार की जिम्मेदारी को दर्शाते हैं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी को भी उजागर करते हैं कि हर व्यक्ति को उसके अधिकार मिल सकें और उसका जीवन सुगम हो सके।

उपस्थित रहे, विवेक यादव,अमित गुप्ता,संतोष पासवान, कृष्णा पासवान ,संजय पासवान, ददन पांडे, कमला देवी ,नौशाद अली, एवं समस्त आवेदन करता

आज का ज्ञान

  • रीति-रिवाज, व्यवहार के सामान्य तरीके होते हैं. वहीं, परंपराएं, किसी समाज या समुदाय के विश्वासों और व्यवहारों का एक समूह होती हैं.  
  • रीति-रिवाज, परंपराओं जितने पुराने नहीं होते और इनका पालन कम लोग करते हैं. वहीं, परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती हैं. 

Related Articles

error: Content is protected !!